चुनाव आयोग ने मामले में अपना मत 10 जुलाई को राष्ट्रपति को भेज दिया था विधायकों के पक्ष में आए फैसले पर राष्ट्रपति ने चार माह बाद मुहर लगाई विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश 24 घंटे में मंजूर कर ली थी