आईपीएल ऑक्शन में खिलाड़ी की बोली गई रकम उसकी ग्रोस सैलरी होती है, जो पूरे सीजन के लिए तय होती है खिलाड़ी को ऑक्शन में लगी पूरी रकम सीधे नहीं मिलती, क्योंकि इस पर टैक्स और अन्य खर्चे काटे जाते हैं चोट लगने, रिटेंशन पर खिलाड़ी को मिलने वाला अमाउंट कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों, फ्रेंचाइजी के फैसले पर निर्भर होता है