गोपालदास नीरज ने फिल्मी गीतों से ज्यादा कविता को प्राथमिकता दी, इसलिए खुद को 'बदकिस्मत कवि' माना था. जयकिशन और एस.डी. बर्मन के निधन के बाद नीरज अवसाद में चले गए, जिससे उनका गीत लेखन प्रभावित हुआ. नीरज की कविताओं में सरल शब्दों में प्रेम, प्रकृति, दुख और सामाजिक एकता का संदेश स्पष्ट दिखाई देता है.