कहा, सरकारी विज्ञापन अखबारों को मुठ्ठी में रखने का जरिया बना संपादकों को अखबार मालिकों ने जी हुज़ूर बनाकर छोड़ दिया नीतीश आज वही काम कर रहे जो कभी जगन्नाथ मिश्र ने किया था