बीजेपी ने मधेपुरा, खगड़िया, शेखपुरा, शिवहर, जहानाबाद और रोहतास उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. बीजेपी ने लोकल नेताओं की जगह सहयोगी दलों को मौका दिया है ताकि स्थानीय राजनीतिक पकड़ मजबूत रहे. यह रणनीति केवल 2025 के चुनाव के लिए नहीं बल्कि 2029 की दीर्घकालिक राजनीतिक तैयारी का भी हिस्सा है.