1990 के दशक में पूर्णिया में अपराध और राजनीति का घनिष्ठ संबंध था, कई अपराधी राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय हुए. पप्पू यादव ने 1991 के पूर्णिया लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भाग लिया, चुनाव रद्द भी हुआ था. बूटन सिंह की हत्या के बाद उनकी पत्नी लेशी सिंह ने समता पार्टी से चुनाव जीतकर राजनीतिक विरासत संभाली.