तेजस्वी यादव के परिवार में आपसी विवादों और विद्रोह के कारण राजद की चुनावी स्थिति कमजोर हुई है. बिहार में यादव समाज करीब पंद्रह प्रतिशत मतदाता हैं और उनका एक तिहाई वोट टूट कर भाजपा को जाना खतरनाक होगा. लालू परिवार पर ईडी और सीबीआई की कार्रवाई के बावजूद यादव समाज ने अब तक उनका समर्थन बनाए रखा है.