मुंगेर के दिव्यांग प्रमोद कुमार साहनी दोनों पांव से पूरी तरह विकलांग होते हुए भी कांवड़ यात्रा कर रहे हैं. प्रमोद सुल्तानगंज से देवघर तक 105 किलोमीटर की यात्रा जमीन पर बैठकर हाथों के सहारे पूरी कर रहे हैं. वह लगातार पांच वर्षों से बिना किसी सहारे के महादेव की भक्ति में यह लंबी यात्रा कर रहे हैं.