गांधी मैदान में नीतीश कुमार ने 31 साल पहले लालू यादव को चुनौती देकर अपनी राजनीतिक यात्रा की दिशा बदली थी. नीतीश ने 1990 में लालू को मुख्यमंत्री बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी लेकिन बाद में दोनों में मतभेद हो गए 1994 में गांधी मैदान में नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से लालू यादव की सरकार की आलोचना कर दोस्ती तोड़ दी थी.