बिहार के पूर्णिया जिले के टेटगामा गांव में डायन होने के संदेह में एक परिवार के पांच सदस्यों को भीड़ ने जिंदा जला दिया और शव जलाशय में छिपा दिए. इस घटना में परिवार का 15 वर्षीय सोनू बच गया, जिसने पुलिस को घटना की आंखों देखी जानकारी देकर आरोपियों की पहचान कराई. मृतकों में परिवार के मुखिया बाबू लाल उरांव, उनकी पत्नी, मां, बेटा और बहू शामिल थे, जिन पर जादू-टोना का आरोप लगाया गया था.