1995 में बिहार विधानसभा चुनाव में चुनाव आयुक्त टीएन शेषण ने निष्पक्ष और सख्त चुनाव कराए थे, जो चर्चा में रहा. उस समय बूथ कैप्चरिंग आम थी, लेकिन शेषण ने अफसरशाही नियंत्रण और सुरक्षा बल तैनाती बढ़ाकर गड़बड़ी रोकी थी. लालू प्रसाद यादव शेषण की सख्ती से बौखलाए हुए थे और कई बार सार्वजनिक रूप से उनकी आलोचना की थी.