बिहार के छोटेलाल महतो हार-जीत की परवाह किए बिना करीब 20 साल से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. सिलेंडर पहुंचाने का काम करने वाले छोटेलाल को चुनावी चस्का ऐसा लगा है कि उन्हें उम्मीद है जीत एक दिन जरूर होगी पति के इस जुनून में पत्नी गीता भी पूरा साथ देती हैं और मुर्गी-बकरी पालकर चुनावी खर्च के लिए रकम जुटाती हैं