सहरसा सीट बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण है और यहां पिछले पांच चुनावों में चार बार भाजपा विजयी रही है. 2008 के परिसीमन के बाद सहरसा लोकसभा सीट खत्म होकर मधेपुरा में शामिल हो गई, जिससे समीकरण बदले हैं. भाजपा मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए कोशिश कर रही है तो राजद सामाजिक आधार को मजबूत कर रही है.