बिहार में भाजपा इस बार पुराने और कमजोर प्रदर्शन करने वालों को विदा कर नए, युवा और सक्रिय चेहरे लाना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक, 20 मौजूदा विधायकों और 70 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं का टिकट कट सकता है. पार्टी संदेश देना चाहती है कि विकास की गाड़ी में बदलाव वाले, एनर्जी वाले लोग आगे हों और नया चेहरा भरोसा जगाए.