1952 के पहले चुनाव से अब तक बिहार को सिर्फ एक मुस्लिम CM मिला. पिछले 73 सालों में कई विधायक और मंत्री बनाए गए. शिक्षा, अल्पसंख्यक कल्याण और गृह जैसे अहम विभाग मुस्लिम नेताओं को मिले, लेकिन सत्ता की कमान हमेशा दूर रही. 17% आबादी वाले मुस्लिमों को विधानसभा में कभी 10% भी प्रतिनिधित्व नहीं मिला. क्या 2025 में तस्वीर बदलेगी?