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भारत का मिनी स्विट्ज़रलैंड कहा जाने वाला औली बहुत सुन्दर पर्यटन स्थल है, जो पूरी दुनिया में स्कीइंग के लिए बहुत फेमस है. यह समुद्रतल से लगभग 2,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
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औली नार्डिक स्कीइंग, अल्पाइन स्कीइंग और टेलीमार्क स्कीइंग के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, इसलिए पर्यटक यहां स्कीइंग का मज़ा लेने आते हैं.
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2010 में सरकार द्वारा बनाई गई कृत्रिम झील विश्वभर में सबसे अधिक ऊंचाई पर बनाई गई झील है. बर्फबारी न होने पर इसी झील से पानी लेकर औली में कृत्रिम बर्फ बनाई जाती है.
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समुद्रतल से 23,490 फुट ऊंचाई पर स्थित त्रिशूल पर्वत औली का प्रमुख आकर्षण केंद्र है. त्रिशूल हिमालय की 3 चोटियों का समूह है और पश्चिमी औली में स्थित है.
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औली से 15 किलोमीटर दूर स्थित छोटा-सा गांव है सैलधर तपोवन. यहां गर्म पानी का प्राकृतिक झरना और एक मंदिर मौजूद है.
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जोशीमठ औली से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर है. बद्रीनाथ का प्रवेशद्वार माना जाने वाला जोशीमठ मंदिरों, मठों और स्मारकों के लिए काफी मशहूर है.
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औली रोपवे यहां का मुख्य आकर्षण केंद्र है. इस रोपवे की ट्रॉली में बैठकर बर्फ से ढके पहाड़ों को करीब से देखने पर आपको प्रकृति की असल खूबसूरती का एहसास होगा.
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ट्रेकिंग करने वालों के लिए औली का क्वारी बुग्याल किसी जन्नत से कम नहीं. यहां दूर-दूर तक बड़ी ढलानों और पहाड़ों की खूबसूरती देखते ही बनती है.
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हवाई, रेल और सड़क मार्ग से औली पहुंचा जा सकता है. सबसे नज़दीकी एयरबेस देहरादून का जौली ग्रांट हवाईअड्डा है और निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार है. औली के लिए पास के शहरों से बसें भी चलती हैं.
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औली जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम जनवरी-मार्च का है. इस समय यहां बर्फ पड़ती है, और यह समय स्कीइंग के लिए आदर्श है.
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