मैक्लोडगंज
क्यों है खास?

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बौद्ध संस्कृति का गवाह

मैक्लोडगंज, धर्मशाला क्षेत्र का ऊपरी हिस्सा है, जो तिब्बती और बौद्ध संस्कृति के मिश्रण को दर्शाता है.

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त्रियुंड की ट्रेकिंग

यह ट्रेकिंग स्पॉट है, इसके एक तरफ धौलाधार के पहाड़ और दूसरी तरफ खूबसूरत कांगड़ा घाटी नज़र आती है.

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भागसू वॉटरफॉल

पहाड़ों की गोद में मौजूद यह वॉटरफॉल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है, जिसकी खूबसूरती आपकी आंखों को सुकून देती है.

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दलाई लामा मंदिर

तिब्बती संस्कृति वाले इस पर्यटन स्थल में दलाईलामा का आवास भी है. मंदिर से सनसेट का नज़ारा अद्भुत होता है.

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यहां तिब्‍बत संस्‍कृति की झलक दिखाई देती है. सिंगिंग बाउल, ईयररिंग, मालाएं यहां से खरीदी जा सकती हैं.

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लोकल मार्केट

नामग्याल मोनैस्ट्री

बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए यह जगह बेहद पवित्र है. चारों ओर गूंजती प्रार्थनाएं और घंटियों की आवाज़ें आपका मन मोह लेंगी.

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नड्डी व्यू प्वाइंट

नड्डी व्यू प्वाइंट खूबसूरत नज़ारों की वजह से पर्यटकों की पसंदीदा जगह है, यहां से खूबसूरत कांगड़ा वैली दिखती है.

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इस चर्च का निर्माण 1852 में किया गया था. घने पेड़ों से घिरा यह प्राचीन चर्च बेहद खूबसूरत है.

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सेंट जॉन चर्च

नोरबुलिंगका संस्थान

यह संस्‍थान आपको तिब्बती धार्मिक कला और संस्कृति की वास्तविक झलक दिखाएगा. इसकी स्‍थापना 1990 में की गई थी.

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तिब्बती स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जान गंवाने वाले सैनिकों के सम्मान में इस स्तूप का निर्माण किया गया था.

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नामग्याल स्तूप

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