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करियर की शुरुआत में मेंडिस ने अपनी स्पिन गेंदबाज़ी से तहलका मचा दिया था. हालाँकि उनका करियर उम्मीदों के मुताबिक लंबा नहीं चला.
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दक्षिण अफ्रीका के लेवी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ T20I में 45 गेंदों में शतक बना कर सबका ध्यान खींचा था, मगर वह वन मैच वंडर साबित हुए.
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भारत के खिलाफ डेब्यू टेस्ट में शतक बनाने वाले इंग्लैंड के हसीब चोट और ख़राब फॉर्म की वजह से अपनी जगह को बरक़रार नही रख पाये.
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जयंत ने 4 टेस्ट मैच में 11 विकेट लिए और एक शतक भी लगाया. इसके बाद भी वह इंटरनेशनल क्रिकेट में स्थापित नहीं हो सके.
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फैज़ ने डेब्यू वन-डे में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ 55 रन बना कर शानदार शुरुआत की थी लेकिन यह उनका पहला और आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच साबित हुआ.
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अपने तीसरे ही टेस्ट में तिहरा शतक जड़कर नायर ने करियर की धमाकेदार शुरुआत की लेकिन इसके बावजूद टीम इंडिया में जगह पक्की न कर सके.
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रैनशॉ 21 वर्ष की आयु से पहले 500 टेस्ट रन बनाने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई हैं. अपने चौथे टेस्ट में शतक जड़ने के बावजूद वह टीम में टिक न सके.
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इंग्लैंड के जेनिंग्स ने भारत के खिलाफ डेब्यू टेस्ट मैच में शतक बनाया था. मगर इसके बाद वह भी इंटरनेशनल क्रिकेट में टिक न सके.
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