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Story  created by Subhashini Tripathi

रामलला का सूर्य तिलक करने वाली Optomechanical तकनीक क्या है

16/04/2024

 आपको बता दें कि सूर्य तिलक के लिए फिजिक्स की एक खास तकनीक ऑप्टोमैकेनिकल सिस्‍टम (Optomechanical System) का इस्‍तेमाल किया जाएगा जो सूरज की किरणों को गर्भगृह तक पहुंचाएंगी. 

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आयोध्या में राम नवमी पर प्रभु श्रीराम के बाल स्वरूप के राज तिलक की सारी तैयारियां हो गई हैं. आज दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की किरणें मस्ताभिषेक करेंगी. 

गर्भगृह में स्थापित रामलला के बाल स्वरूप की प्रतिमा तक सूर्य की किरणों को पहुंचाने के लिए 1 रिफ्लेक्टर, 2 दर्पण, 3 लेंस और 8 से 9 मीटर लंबा पीतल पाइप इस्तेमाल किया गया है. 

रामलला का सूर्य तिलक समय पर हो, इसके लिए ऑप्टिकल में 19 गियर लगाए गए हैं, जो सेकंड्स में दर्पण और लेंस पर किरणों की चाल बदलेंगे.

 रिफ्लेक्टर, ये एक बड़ा बॉक्‍स छत पर लगा है, इसमें एक बड़ा मुख्‍य लेंस है जो बिना बिजली 19 गियर पर काम करेगा. 

ऐसे में सूर्य की किरणें दोपहर 12 बजे सबसे पहले ऊपरी तल के मिरर पर पड़ेंगी, उसके बाद तीन लेंस से होती हुई दूसरे तल के मिरर पर आपतित होंगी.

अंत में सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर 75 मिलीमीटर के टीके के रूप में दीप्तिमान होंगी और लगभग 4 मिनट तक रहेंगी. 

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