Created By - Seema Thakur
कौन थे कांवड़ यात्रा शुरू करने वाले पहले कांवड़िया
हर साल सावन के महीने में कांवड़िए कांवड़ लेने जाते हैं. कांवड़ यात्रा पर भक्त गंगा नदी से गंगाजल लाकर सावन शिवरात्रि पर महादेव का जलाभिषेक करते हैं.
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माना जाता है कि सबसे पहले कांवड़ यात्रा की शुरूआत भगवान परशुराम से हुई थी. भगवान परशुराम गढ़मुक्तेश्वर धाम से गंगाजल लेकर निकले थे.
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गढ़मुक्तेश्वर धाम से निकलकर भगवान परशुराम ने उत्तर प्रदेश के पुरा में पहुंचकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया था.
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मान्यतानुसार गंगाजल लाने की यात्रा के दौरान सावन का महीना चल रहा था. इसके बाद से ही सावन के महीने में शिवभक्त महादेव पर चढ़ाने के लिए गंगाजल लाने लगे.
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इसके बाद सबसे पहले त्रेता युग में श्रवण कुमार कांवड़ लेकर आए थे. श्रवण कुमार के माता-पिता ने पुत्र से गंगा तक ले जाने की इच्छा प्रकट की थी.
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श्रवण कुमार माता-पिता को कांवड़ की तरह ही कंधों पर बिठाकर गंगा के तट तक हरिद्वार पहुंचे थे. इसके बाद से कांवड़ लाने की यात्रा शुरू हुई.
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