10 पॉइंट्स में समझें, क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून
Story Created By: Shikha Sharma
इस बिल के अनुसार, धर्म और समुदाय से परे सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, संपत्ति जैसे विषयों पर एक समान कानून होंगे.
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एक पति या पत्नी के जीवित रहते कोई नागरिक दूसरा विवाह नहीं कर सकेगा.
असाधारण कष्ट की स्थिति को छोड़कर कोर्ट में तलाक की कोई भी अर्जी तब तक पेश नहीं की जाएगी, जब तक कि शादी को 1 वर्ष न हुआ हो.
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तलाकशुदा पति या पत्नी का एक-दूसरे से पुनर्विवाह बिना किसी शर्त के वैलिड होगा.
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दोबारा शादी से पहले उन्हें किसी तीसरे व्यक्ति से विवाह करने की जरूरत नहीं होगी.
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अगर कोई किसी व्यक्ति को पुनर्विवाह से पहले ऐसा करने के लिए मजबूर करता है तो उसे तीन साल जेल तथा एक लाख रू जुर्माना देना होगा.
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'लिव—इन' में रहने की सूचना आधिकारिक रूप से देना जरूरी बनाते हुए इस रिश्ते से जन्म लेने वाले बच्चों को वैध बच्चा मानते हुए उसे उत्तराधिकार के अधिकार देने होंगे.
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एक महीने के अंदर 'लिव—इन' में रहने की जानकारी न देने पर 3 माह कैद या दस हजार रू का जुर्माना या दोनों भुगतने होंगे.
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'लिव—इन' में रहने वाली महिला को अगर उसका पुरूष साथी छोड़ देता है तो वह रहने-खाने के लिए कोर्ट जा सकती सकती है.
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