Votes की गिनती कैसे होती है और कौन करता है? गिनती के बाद EVM मशीनों का क्या होता है, जानिए सबकुछ

Story created by Renu Chouhan

लोकसभा चुनाव- साल 2024 के लोकसभा चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं और अब बस बारी है रिज़ल्ट घोषित होने की.

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वोटों की गिनती- इससे पहले आपको स्ट्रॉन्ग रूम और ये जानना होगा कि वोटों की गिनती आखिर करता कौन है?

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स्ट्रॉन्ग रूम?- वो कमरा जहां वोटों से भरी EVM (इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन) रखी जाती हैं, इस सभी दलों के उम्मीदवारों की मौजूदगी में ही खोला जाता है.

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कौन खोलता है ताला- इन सभी उम्मीदवारों की मौजदगी में चुनाव आयोग के स्पेशल ऑब्जर्वर और रिटर्निंग ऑफिसर ताला खोलते हैं.

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वीडियो- हां, बता दें इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है.

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वोटों की गिनती के लिए कैमरों की निगरानी में कंट्रोल यूनिट काउंटिग वाली टेबल लाई जाती है. फिर हर एक कंट्रोल यूनिट की यूनिक ID और सील को मैच किया जाता है.

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फिर...इसके बाद हर उम्मीदवार के पोलिंग एजेंट को दिखाया जाता है, साथ ही कंट्रोल यूनिट में हर वोट की गिनती पर एक बटन दबाया जाता है, जिससे EVM में उम्मीदवार का वोट दिखने लगता है. 

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कौन करता है गिनती- एक मतगणना केंद्र के एक हॉल में 15 टेबल होती हैं, 14 पर काउंटिग होती है और 1 रिटर्निंग ऑफिसर की होती है. 

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निर्वाचन अधिकारी- मतगणना के सुबह ही हर जिले का निर्वाचन अधिकारी रैंडम तरीके से टेबल अलॉट करता है, ये सब पहले नहीं बता कर सीक्रेट रखा जाता है. 

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किसकी एंट्री- इन ऑफिसर्स के अलावा हॉल में सिर्फ 15 टेबल पर 15 की उम्मीदवारों के एजेंट जा सकते हैं, इनके अलावा और कोई भी इस रूम में एंट्री नहीं कर सकता.

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कौन से ऑफिसर्स- मतगणना केंद्र के अंदर मतगणना अधिकारी, रिटर्निंग ऑफिसर, सुरक्षा कर्मी और उम्मीदवारों के एजेंट ही जा सकते हैं.

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रिकाउंटिंग- अगर उम्मीदवार के एजेंट को वोटों की गिनती में गड़बड़ लगती है तो वो रिकाउंटिंग की मांग कर सकता है.

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NO मोबाइल- इस दौरान ड्यूटी पर तैनात लोगों के अलावा कोई भी मोबाइल अंदर नहीं ले जा सकता.

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वोटों की गिनती के बाद EVM मशीनें 45 दिन तक स्ट्रॉन्ग रूम में रखी रहती हैं, वो इसीलिए कि अगर किसी उम्मीदवार को वोटों की गिनती दोबारा करानी हो...इसके बाद EVM मशीनों को दूसरी जगह भेज दिया जाता है. 

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