दुश्मन के पसीने छुड़ाएगा 'भीष्म टैंक', जानें क्या हैं खासियत
Image Credit: ANI टी-90 टैंक, जिसे भीष्म के नाम से जाना जाता है, पहले रूस में बनता था, लेकिन अब भारत में बनने लगा है. इसकी गिनती दुनिया के सबसे शक्तिशाली टैंक्स में होती है.
Image Credit: ANI इस टैंक में बस तीन लोग होते हैं- कमांडर, गनर और ड्राइवर.
Image Credit: ANI 40 से 48 टन के इस टैंक की लंबाई 9.6 मीटर है और चौड़ाई 2.78 मीटर. ये ज़मीन से 2.22 मीटर ऊंचा चलता है.
Image Credit: ANI आकार में छोटा होने की वजह से ये जंगल, पहाड़, दलदली इलाक़ों तक में तेज़ी से चल सकता है. क़रीब 60 किलोमीटर तक इसकी रफ़्तार है.
Image Credit: ANI इसमें 125 मिलीमीटर की मोटाई वाला स्मूथबोर टैंक गन लगा हुआ है जो इसका ख़ास हथियार है. इससे कई तरह के गोले दागे जा सकते हैं और मिसाइलें भी.
Image Credit: ANI इससे 100 मीटर से 4000 मीटर तक की रेंज में सटीक निशाना लगाया जा सकता है. इस टैंक के ऊपर एंटी एयरक्राफ्ट गन भी लगी हुई है जो 2 किलोमीटर रेंज में हेलीकॉप्टर को मार गिरा सकती है.
Image Credit: ANI इस गन से एक मिनट में 800 गोले छोड़े जा सकते हैं. टैंक में ऑटोमेटिक और मैन्युअल तरीके से भी मिसाइल और गोलियां फायर की जा सकती हैं.
Image Credit: ANI भीष्म की ऑपरेशनल रेंज 550 किलोमीटर तक है. यही नहीं, भीष्म कई तरह के रॉकेट भी झेल सकता है.
Image Credit: ANI इसमें एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर है, जिसे आप टैंक का बुलेट प्रूफ जैकेट भी कह सकते हैं.
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