Jagannath Temple: क्‍या है नवकलेवर अनुष्‍ठान, जानिए इससे जुड़ी रोचक बातें

Byline Shikha Sharma

भारत के ओडिशा राज्य में स्थित जगन्नाथ मंदिर से जुड़ा एक अनूठा और आकर्षक अनुष्ठान है नवकलेवर अनुष्‍ठान.

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नवकलेवर को नबकलेवर भी लिखा जाता है. ओड़िया भाषा में "नव" का अर्थ "नया" और "कलेवर" का अर्थ "शारीरिक रूप" होता है.

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तो, नवकलेवर का अर्थ "शारीरिक रूप का नवीनीकरण" माना जाता है.

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इस अनुष्ठान में जगन्‍नाथ मंदिर में पूजे जाने वाले चार देवताओं - जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा और सुदर्शन की लकड़ी की मूर्तियों को समय-समय पर बदला जाता है.

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यह मूर्तियां हर 12 साल के अंतराल में बदली जाती हैं. 

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पुरानी मूर्तियों को मंदिर परिसर के अंदर "कोइली वैकुंठ" नामक एक स्थान पर विधिपूर्वक रख दिया जाता है.

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इस बीच, विशिष्ट अनुष्ठानों के माध्यम से चुने गए विशिष्ट प्रकार के पेड़ों से नई लकड़ी की मूर्तियों को बारीकी से तराशा जाता है.

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समारोह का सबसे पवित्र हिस्सा पुरानी मूर्तियों से नई मूर्तियों में "ब्रह्म पदार्थ" (दिव्य आत्मा) का स्थानांतरण होता है. यह पूरी गोपनीयता के साथ किया जाता है.

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इस दौरान पेड़ों का चयन, मूर्तिकला प्रक्रिया और उनके आसपास के अनुष्ठान नवकलेवर के सभी आकर्षक पहलू माने गए हैं.

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आखिरी नवकलेवर 2015 में आयोजित किया गया था.

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