Jagannath Temple: क्या है नवकलेवर अनुष्ठान, जानिए इससे जुड़ी रोचक बातें
Byline Shikha Sharma भारत के ओडिशा राज्य में स्थित जगन्नाथ मंदिर से जुड़ा एक अनूठा और आकर्षक अनुष्ठान है नवकलेवर अनुष्ठान.
Image credit: Pexels नवकलेवर को नबकलेवर भी लिखा जाता है. ओड़िया भाषा में "नव" का अर्थ "नया" और "कलेवर" का अर्थ "शारीरिक रूप" होता है.
Image credit: PTI तो, नवकलेवर का अर्थ "शारीरिक रूप का नवीनीकरण" माना जाता है.
Image credit: PTI इस अनुष्ठान में जगन्नाथ मंदिर में पूजे जाने वाले चार देवताओं - जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा और सुदर्शन की लकड़ी की मूर्तियों को समय-समय पर बदला जाता है.
Image credit: Pexels यह मूर्तियां हर 12 साल के अंतराल में बदली जाती हैं.
Image credit: Pexels पुरानी मूर्तियों को मंदिर परिसर के अंदर "कोइली वैकुंठ" नामक एक स्थान पर विधिपूर्वक रख दिया जाता है.
Image credit: Odisha Tourism इस बीच, विशिष्ट अनुष्ठानों के माध्यम से चुने गए विशिष्ट प्रकार के पेड़ों से नई लकड़ी की मूर्तियों को बारीकी से तराशा जाता है.
Image credit: Unsplash समारोह का सबसे पवित्र हिस्सा पुरानी मूर्तियों से नई मूर्तियों में "ब्रह्म पदार्थ" (दिव्य आत्मा) का स्थानांतरण होता है. यह पूरी गोपनीयता के साथ किया जाता है.
Image credit: Unsplash इस दौरान पेड़ों का चयन, मूर्तिकला प्रक्रिया और उनके आसपास के अनुष्ठान नवकलेवर के सभी आकर्षक पहलू माने गए हैं.
Image credit: iStock आखिरी नवकलेवर 2015 में आयोजित किया गया था.
Image credit: PTI 13 June का इतिहास: उपहार सिनेमाघर में 'बॉर्डर'फिल्म देखने पहुंचे 50 लोगों की हुई थी मौत
Image credit: Getty क्लिक करें