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जानें क्यों खास है पोल्की ब्राइडल ज्वैलरी

पोल्की ज्वैलरी बनाने के लिए अनकट हीरे इस्तेमाल किए जाते हैं, जिन्हें पॉलिशिंग या फिनिशिंग की ज़रूरत नहीं पड़ती.

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पोल्की ज्वैलरी बनाने के लिए हीरों को सोने के बेस में फिट किया जाता है और उसे पीटकर आकार दिया जाता है.
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भव्य विरासत और शिल्प को दर्शाने वाली पोल्की ज्वैलरी का इतिहास मुगलकाल से जुड़ा है और इसी वजह से इसे शाही वार्डरोब का हिस्सा माना जाता है.

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पोल्की डायमंड ज्वैलरी को बनाने की शुरुआत राजस्थान के बीकानेर से हुई थी, और अब यह देश के कई हिस्सों में बनाई जाती है.

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हमें स्वदेशी कारीगरी को ज़्यादा से ज़्यादा सपोर्ट करना चाहिए, तभी कुशल कारीगरों के ज़रिये इस तरह की ज्वैलरी बनाई जा सकती है.

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काफी बारीकी से बनाए जाने वाली पोल्की के बुंदे बनाने में 15 दिन और हार को बनाने में कम से कम एक महीने का वक्त लगता है.
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कई बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर, प्रियंका चोपड़ा और अनुष्का शर्मा तक अपनी शादी में पोल्की ब्राइडल ज्वैलरी पहन चुकी हैं.
पोल्की डायमंड को कीमती पत्थर और मोतियों के साथ मिलाकर ज्वैलरी का रूप दिया जाता है, ताकि इनकी वैल्यू बढ़ जाए.
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पोल्की ज्वैलरी बनाने में ज़्यादातर अनकट हीरों का इस्तेमाल होता है, इसलिए यह काफी महंगे आभूषणों की लिस्ट में शुमार है.

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पोल्की डायमंड की यूनीक शेप की वजह से इन्हें इंडियन ट्रेडिशनल ज्वैलरी का अहम हिस्सा माना जाता है.

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