मनोज वाजपेयी संघर्ष से सफलता तक
Image credit: Getty मनोज वाजपेयी का जन्म 23 अप्रैल, 1969 को वेस्ट चंपारण के एक छोटे से गांव में हुआ.
Image credit: Getty मनोज वाजपेयी बचपन से ही एक्टर बनना चाहते थे, उन्होंने एक्टिंग के लिए नेशनल स्कूल ड्रामा में दाखिले के लिए आवेदन भी किया था.
Image credit: Getty NSD में 3 बार अप्लाई करने के बाद भी मनोज सफल नहीं हो पाए, जिससे उन्होंने खुदकुशी करने की भी कोशिश की.
Image credit: Getty मनोज वाजपेयी ने हार नहीं मानी और जब चौथी बार उन्होंने NSD में आवेदन किया तो उन्हें एक टीचर के रूप में वहां जगह मिल गई.
Image credit: Getty मनोज वाजपेयी ने संघर्ष के दिनों में 'बैंडिट क्वीन', 'इम्तिहान', 'स्वाभिमान', 'दस्तक', 'तमन्ना' जैसे कई फिल्मों में छोटे-मोटे रोल किये.
Image credit: Getty 1998 में मनोज ने राम गोपाल वर्मा की 'सत्या' में सपोर्टिंग रोल अदा किया, जिसके लिए उन्हें नेशनल फिल्म अवॉर्ड से नवाजा गया.
Image credit: Getty मनोज वाजपेयी को सबसे ज्यादा सराहना 'राजनीति', 'गैंग्स ऑफ वसेपुर', 'अलीगढ़' जैसी फिल्मों के लिए मिली.
Image credit: Getty मनोज वाजपेयी को फिल्म 'अलीगढ़' के लिए फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड और एशिया पैसिफिक स्क्रीन अवॉर्ड से भी नवाजा गया.
Image credit: Getty 2019 में कला के क्षेत्र में योगदान के लिए मनोज वाजपेयी को भारत के राष्ट्रपति की और से पद्म श्री से नवाजा गया.
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