होलाष्टक के बारे में आपने कई बार सुना होगा.... पर आखिर होलाष्टक है क्या. होलाष्टक को लेकर एक कथा प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि हिरण्यकश्यप ने बेटे प्रहलाद को विष्णु की भक्ति से दूर करने के लिए आठ दिन प्रहलाद को कष्ट दिए. आठवें दिन बहन होलिका की गोदी में बैठाकर जला दिया गया. पर प्रहलाद बच गए. मान्यताएं हैं कि पूर्णिमा से पहले के वो आठ दिन जब भक्त प्रहलाद ने यातनाएं सही, होलाष्टक कहलाते हैं इसी कारण इन दिनों में शुभ कामकाज करने की मनाही होती है.