NDTV Khabar

रवीश कुमार का प्राइम टाइम : कहां पल्स पोलियो, कहां कोरोना का टीका अभियान

 Share

राष्ट्र के नाम संदेश. संदेश भले राष्ट्र के नाम पर था, था दरअसल प्रधानमंत्री के नाम ही, और उनके नाम संदेश यह था कि अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए तथ्यों को इधर-उधर कर तर्क गढ़ने से भले गलती छिप जाती है लेकिन हमेशा के लिए ओझल नहीं होती है. जब-जब पर्दा हटता है तब तब गलती दिखाई दे जाती है. राष्ट्र के नाम संदेश से यही हुआ. काश कोई इंटरनेट का महारथी प्रमाणिक रुप से पकड़ पाता कि मौजूदा टीका अभियान की नाकामी को छिपाने के लिए पल्स पोलियो का उदाहरण सबसे पहले कब और कहां पर अवतरित होता है. तो आपको दिलचस्प जानकारी मिलती कि कैसे व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ एक लॉजिक बीजेपी के नेताओं के बयान से होते हुए प्रधानमंत्री के भाषण तक पहुंचता है. तो आपको दिखेगा कि तर्क और तथ्य गढ़ने की प्रक्रिया क्या है और कैसे सभी एक लाइन में नज़र आते हैं. सब एक बात बोलते हैं. कई बार तर्क ऊपर से चलता हुआ नीचे जाता है लेकिन इस मामले में तर्क नीचे से होता हुआ राष्ट्र के नाम संदेश में पहुंचा है.



Advertisement

 
 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com