मध्य प्रदेश की 44 और राजस्थान की 39 सीटें ऐसी हैं जहां जीत का अंतर बहुत ही कम है करीब 3 फीसदी. दोनों राज्यों में हर पांचवीं सीट फंसी हुई है. उस पर कांग्रेस और भाजपा के अलावा आप, बसपा, जेडीयू, सपा, जेजेपी सब मैदान में हैं. इन सीटों पर जिसने अच्छा चुनावी प्रबंधन किया, जीत उसी की होगी.