प्रकाशित: अगस्त 11, 2022 09:00 PM IST | अवधि: 34:04
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चुनाव से पहले गरीबों को तमाम मुफ्त सुविधाओं का वादा और चुनाव जीतने के बाद उस पर अमल करना क्या रेवड़ी बांटना है? क्या यह मुफ्तखोरी को बढ़ावा देना है? साथ ही यह कहा तक देश की अर्थव्यवस्था के लिए सही है?