प्रकाशित: जनवरी 25, 2019 09:00 PM IST | अवधि: 32:16
Share
एक किताब होती तो आपके लिए भी आसान होता लेकिन जब कोई लेखक रचते-रचते संसार में से संसार खड़ा कर देता है तब उस लेखक के पाठक होने का काम भी मुश्किल हो जाता है. आप एक किताब पढ़ कर उसके बारे में नहीं जान सकते हैं. जो लेखक लिखते लिखते समाज में अपने लिए जगह बनाता है अंत में उसी के लिए समाज में जगह नहीं बचती है. इसके बाद भी उसका लिखा ही है जो उसे भूल जाने वालों के बाद तक टिका रखता है. राग दरबारी के 50 साल हो चुके है ज़ाहिर हैं. लेखक के चले जाने के बाद किताबें पाठकों को खोजती रहती हैं. अपना सफर तय करती रहती हैं.