नॉर्वे की चाइल्ड सर्विसेज ने भारतीय सरकार से कुछ दस्तावेज की मांग की। वे चाहते हैं कि भारत कानूनी तौर पर इस बात की गारंटी दे कि तीन साल के अभिज्ञान देखभाल सही तरीके से की जाएगी।
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