यूपी में योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की फाइल फोटो.
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- प्रयागराज हाईकोर्ट ने मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को भेजा हिरासत में
- इलाहाबाद की महापौर पत्नी अभिलाषा गुप्ता को भी भेजा हिरासत में
- आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला
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नई दिल्ली:
योगी आदित्यनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनकी मेयर पत्नी अभिलाषा गुप्ता को प्रयागराज स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट की नाराजगी का सामना करना पडा. एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोनों को हिरासत में भेज दिया. नंद गोपाल गुप्ता नंदी इस वक्त यूपी की बीजेपी सरकार में स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री हैं, वहीं उनकी पत्नी इलाहाबाद की महापौर है. दरअसल, उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े पुराने मामले में गैर जमानती वारंट जारी था.
गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी अपनी महापौर पत्नी अभिलाषा गुप्ता के साथ एमपी-एमएलए कोर्ट में विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी की कोर्ट में हाजिर हुए थे. उन्हें हिरासत में भेज दिया गया.हालांकि बाद में एमपी-एमएल की स्पेशल कोर्ट ने दोनों को जमानत पर रिहा कर दिया.रिपोर्ट्स के मुताबिक पति-पत्नी के खिलाफ 2012 में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत दर्ज हुई थी. नंद गोपाल नंदी बीजेपी में आने से पहले बसपा के नेता थे. वह 2007 में बसपा के टिकट पर विधायक बने थे तो. वहीं 2012 के चुनाव में हार गए थे. इस वक्त इलाहाबाद दक्षिण सीट से बीजेपी के विधायक हैं.
हो चुका है नंदी पर बम से हमला
इलाहाबाद दक्षिणी विधानसभा सीट से बीजेपी नेता केशरीनाथ त्रिपाठी लगातार पांच बार चुनाव जीते थे. इस वक्त त्रिपाठी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं. मगर 2007 में बसपा प्रत्याशी रहे नंद गोपाल नंदी ने उन्हें 13 हजार वोटों से हरा दिया था. लगातार पांच बार से चुनाव जीत रहे बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शुमार केशरी नाथ त्रिपाठी को चुनाव हराने पर बसपा मुखिया मायावती ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री पद से नवाजा था. 2012 के विधानसभा चुनाव में वह सपा उम्मीदवार से हार गए थे. उनकी पत्नी बसपा से पहले इलाहाबाद की मेयर रहीं. बसपा से निष्कासित होने के बाद नंदगोपाल नंदी ने बीजेपी के टिकट पर 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ा और जीते भी. फिर पत्नी को भी बीजेपी से मेयर का टिकट दिलाकर विजय बनाने में सफल रहे. नंदी पर जानलेवा हमला भी हो चुका है.बात 2010 की है, जब नंदगोपाल नंदी के घर के बाहर बम फेंकने की घटना हुई. इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. एक पत्रकार की भी हमले में मौत हो गई थी.
वीडियो- बुलंदशहर हिंसा: उत्तर प्रदेश सरकार के रवैये पर उठ रहे सवाल
गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी अपनी महापौर पत्नी अभिलाषा गुप्ता के साथ एमपी-एमएलए कोर्ट में विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी की कोर्ट में हाजिर हुए थे. उन्हें हिरासत में भेज दिया गया.हालांकि बाद में एमपी-एमएल की स्पेशल कोर्ट ने दोनों को जमानत पर रिहा कर दिया.रिपोर्ट्स के मुताबिक पति-पत्नी के खिलाफ 2012 में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत दर्ज हुई थी. नंद गोपाल नंदी बीजेपी में आने से पहले बसपा के नेता थे. वह 2007 में बसपा के टिकट पर विधायक बने थे तो. वहीं 2012 के चुनाव में हार गए थे. इस वक्त इलाहाबाद दक्षिण सीट से बीजेपी के विधायक हैं.
हो चुका है नंदी पर बम से हमला
इलाहाबाद दक्षिणी विधानसभा सीट से बीजेपी नेता केशरीनाथ त्रिपाठी लगातार पांच बार चुनाव जीते थे. इस वक्त त्रिपाठी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं. मगर 2007 में बसपा प्रत्याशी रहे नंद गोपाल नंदी ने उन्हें 13 हजार वोटों से हरा दिया था. लगातार पांच बार से चुनाव जीत रहे बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शुमार केशरी नाथ त्रिपाठी को चुनाव हराने पर बसपा मुखिया मायावती ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री पद से नवाजा था. 2012 के विधानसभा चुनाव में वह सपा उम्मीदवार से हार गए थे. उनकी पत्नी बसपा से पहले इलाहाबाद की मेयर रहीं. बसपा से निष्कासित होने के बाद नंदगोपाल नंदी ने बीजेपी के टिकट पर 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ा और जीते भी. फिर पत्नी को भी बीजेपी से मेयर का टिकट दिलाकर विजय बनाने में सफल रहे. नंदी पर जानलेवा हमला भी हो चुका है.बात 2010 की है, जब नंदगोपाल नंदी के घर के बाहर बम फेंकने की घटना हुई. इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. एक पत्रकार की भी हमले में मौत हो गई थी.
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