
हिंदुओं को एकजुट करने के लिए बीजेपी अब राजा सुहेलदेव राजभर के शरण में है. उनके नाम के बहाने अखिलेश यादव के पीडीए की हवा निकालने की तैयारी है. राजा सुहेलदेव बनाम गाजी सालार मसूद कर बीजेपी इसका चुनावी फायदा लेना चाहती है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज सुहेलदेव राजभर की मूर्ति का उद्घाटन किया. इसका शिलान्यास पीएम नरेन्द्र मोदी ने चार साल पहले किया था. अखिलेश यादव ने भी सरकार बनने पर लखनऊ में उनके नाम की प्रतिमा लगाने की घोषणा की है.
सुहेलदेव राजभर ... इतिहास बताता है कि उन्होंने युद्ध में गाजी सालार मसूद को हराया था. गाजी रिश्ते में महमूद गजनी का भांजा था. वही गजनी जिसने सोमनाथ मंदिर पर कई बार हमले किए. अब तक गाजी के नाम पर यूपी में जगह जगह मेले लगते रहे. उनकी दरगाह पर नेता मत्था टेकते रहे. पर बीजेपी सरकार ने ये रवायत बदल दी है. पहले गाजी के नाम पर लग रहे मेलों पर रोक लगी. युद्ध में गाजी पर सुहेलदेव की जीत पर आज विजय दिवस मनाया गया. बहराइच में सीएम योगी ने सुहेलदेव राजभर की मूर्ति का अनावरण किया. उन्होंने कहा मुसलमानों के वोट के लिए देश विरोधियों का सम्मान मंजूर नहीं. मंच से योगी बोले विदेशी आक्रांताओं के नाम पर कोई आयोजन नहीं होना चाहिए... जो लोग आज जिन्ना का महिमा मंडन करते हैं, उनसे पूछना चाहते हैं. सरदार पटेल का महिमा मंडन नहीं, लेकिन जिन्ना का महिमा मानदंड करते रहे. समाजवादी पार्टी जिन्ना का महिमा मंडन करती.
बीते उपचुनाव में OBC के एक वर्ग ने बीजेपी का साथ छोड़ कर इंडिया गठबंधन का समर्थन कर दिया. ये बीजेपी के लिए खतरे की घंटी थी. घंटी बजी तो सुहेलदेव राजभर को बीजेपी राष्ट्र रक्षक बनाने में जुट गई. नहले पर दहला ये है कि सुहेलदेव को पासी दलित और पिछड़ों में राजभर अपना भगवान मानते हैं. इसीलिए अखिलेश यादव ने खतरे को भांप लिया. उन्होंने भी आज सोशल मीडिया में एक पोस्ट किया. उन्होंने कहा कि सरकार बनने पर लखनऊ में सुहेलदेव राजभर की एक बड़ी मूर्ति लगेगी. वो भी गोमती रिवर फ्रंट पर.
राजभर वोटों की अहमियत के कारण ओम प्रकाश राजभर की लॉटरी निकल आई है. पिछले विधानसभा चुनाव में वे समाजवादी पार्टी के साथ थे. अब वे बीजेपी के साथ हैं. हिंदुत्व के पिच पर वे खुल कर बीजेपी के साथ हैं. वे कहते हैं कि गाजी तो पाजी था. राजभर वोट के लिए बीजेपी ने अनिल राजभर को मंत्री बना रखा है. सकलदीप राजभर को राज्य सभा का सांसद बनाया है.
महापुरुषों के नाम पर राजनीति में बीजेपी को महारत है. सुहेलदेव के खिलाफ गाजी सालार मसूद को आगे कर मुसलमानों के खिलाफ हिंदू वोटरों को एकजुट करने की तैयारी है. आगे कुंआ, पीछे खाई. सुहेलदेव बनाम गाजी वाले मुद्दे पर समाजवादी पार्टी की यही स्थिति है. वो खुल कर गाजी सालार मसूद का विरोध भी नहीं कर सकती. क्योंकि मुसलमानों के नाराज होने का ख़तरा है. राजा सुहेलदेव के समर्थन से हटे तो पीडीए में टूट की आशंका है.
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