Blogs | प्रियदर्शन |गुरुवार जून 2, 2022 10:04 PM IST आप सरकार का विरोध करें तब भी वामपंथी हैं, पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दाम का सवाल उठाएं, तब भी वामपंथी हैं, सांप्रदायिकता की निंदा करें तब भी वामपंथी हैं, मानवाधिकार का सवाल उठाएं, तब भी वामपंथी हैं, हिंसा का विरोध करें तब भी वामपंथी हैं और नक्सलियों के नाम पर गांववालों के उत्पीड़न के ख़िलाफ़ बोलें, तब तो पक्के वामपंथी हैं. यहां तक कि बुकर सम्मान प्राप्त लेखिका के समर्थन में लिखना भी वामपंथ है, एक प्रगतिशील लेखिका को बुकर दिया जाना भी वामपंथ की निशानी है और अमेरिका में बंदूक संस्कृति की निंदा करना भी वामपंथ ही है.