Blogs | रतन मणिलाल |शुक्रवार दिसम्बर 23, 2016 06:35 PM IST चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों और नेताओं को क्या-क्या नहीं करना पड़ता है. ऐसे वादे करना जो पूरे न किए जा सकते हों, ऐसे आरोप जो साबित न किए जा सकते हों, ऐसी मांग करना जो वाजिब न हों, यह अब आम बात हो चुकी है. और कुछ इसी तरह अपनी छवि गढ़ी जाती है, जिसे बनाए रखने के लिए न जाने क्या-क्या नाटक करने पड़ते हैं.