'मुंशी प्रेमचंद'

- 19 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Written by: वंदना वर्मा |मंगलवार फ़रवरी 27, 2024 04:13 PM IST
    योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद गोरखपुर उपचुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त देखनी पड़ी थी. सपा के प्रवीण निषाद ने बीजेपी को हरा दिया. इसके बाद एक बार फिर 2019 में जनता ने बीजेपी की वापसी करते हुए रवि किशन को विजयी बनाया.
  • Uttar Pradesh | Reported by: भाषा |मंगलवार जून 6, 2023 05:57 AM IST
    पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय के मुंशी प्रेमचंद छात्रावास में रहने वाले छात्र कथित तौर पर सिगरेट पी रहे थे जिसका सुरक्षाकर्मियों ने विरोध किया. झड़प में 22 छात्रों को चोटें आई हैं.
  • Career | Written by: अर्चित गुप्ता |मंगलवार अक्टूबर 8, 2019 12:14 PM IST
    हिंदी साहित्य को नई उचाइयों तक पहुंचाने वाले मुंशी प्रेमचंद की पुण्यतिथि 8 अक्टूबर को मनाई जाती है. साहित्य में प्रेमचंद के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. प्रेमचंद को उपन्यास के सम्राट माने जाते हैं. प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था. प्रेमचंद की कई कहानियां ग्रामीण भारत पर हैं. उन्होंने अपनी कहानियों के माध्यम से किसानों की हालत का वर्णन किया.
  • Blogs | रवीश रंजन शुक्ला |सोमवार सितम्बर 9, 2019 12:33 PM IST
    मित्रों मुंशी प्रेमचंद की कहानी नमक का दरोगा का ये अंश है. इस कहानी को दोबारा सालों बाद इसलिए पढ़ी कि शनिवार को मैं किसी पैरामिलिट्री के अफसर के पास बैठा था उन्होंने मुझे बताया कि ISS यानी इंडियन साल्ट सर्विसेज यानी भारतीय नमक सेवा अब भी देश में मौजूद है. देशभर में करीब दर्जनभर अधिकारी हैं जो नमक की गुणवत्ता और उसकी सप्लाई पर नजर रखते हैं.
  • India | Reported by: अजय सिंह, Edited by: विवेक रस्तोगी |शुक्रवार अगस्त 2, 2019 03:07 PM IST
    अब पूरे साल उन्हें सभी उनके हाल पर छोड़ देंगे. तमाम घोषणाओं के बावजूद मुंशी प्रेमचंद का घर और गांव आज भी उपेक्षा का शिकार हैं और जो कुछ बना भी है, वह बस यूं ही खड़ा है, बिना किसी काम के.
  • India | Reported by: अजय सिंह, Edited by: सूर्यकांत पाठक |गुरुवार अगस्त 1, 2019 07:12 PM IST
    कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती उनके गांव लमही मनाया गया. सरकारी महकमों ने अपनी फ़र्ज़ अदायगी की तो प्राइवेट स्कूल, रंगकर्मी, साहित्यकार और पत्रकारों ने भी अपने कथाकार को याद किया. अब पूरे साल उन्हें सभी उनके अपने हाल पर छोड़ देंगे. तमाम घोषणाओं के बावजूद मुंशी प्रेमचंद का घर और गांव आज भी उपेक्षा का शिकार है. मुंशी जी की जयंती पर उनके पात्र होरी, माधव, घीसू की गहरी संवेदना से जुड़े कलाकार नाटक के जरिए उन्हें याद कर रहे थे. लमही में हर साल उनका जन्म दिवस मनाया जाता है. सरकारी महकमे फ़र्ज़ अदायगी का टेंट भी लगाते हैं. स्मारक स्थल पर कार्यक्रम होते हैं और गांव में मेले जैसा माहौल रहता है. लेकिन अपने कथाकार के प्रति एक दिन के इस प्यार पर गांव के लोगों के अंदर एक दर्द भी है.
  • India | भाषा |मंगलवार जुलाई 30, 2019 05:53 AM IST
    उत्तरप्रदेश विद्युत निगम ने वाराणसी के बाहरी इलाके में लमही में स्थित महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद के पैतृक मकान में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी है. दरअसल, लेखक की 139 वीं जयंती के कुछ दिन पहले पिछले सप्ताह उनके मकान की बिजली आपूर्ति रोके जाने से विवाद पैदा हो गया था. हालांकि, वराणसी के जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने इससे इनकार किया कि महान कथाकार के पैतृक गांव में मकान की बिजली आपूर्ति रोक दी गई थी.
  • Literature | Bhasha |सोमवार जुलाई 31, 2017 09:32 AM IST
    साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद का स्थान उस ऊंचाई पर हैं जहां बिरले पहुंच पाये हैं. उनकी कहानियों में ग्रामीण भारत खासतौर पर किसानों की स्थिति का जो वर्णन है वह किसानों की आज की हालत से कोई खास भिन्न नहीं है.
  • Literature | Edited by: शिखा शर्मा |सोमवार फ़रवरी 20, 2017 10:56 AM IST
    प्रसिद्ध लेखक मुंशी प्रेमचंद के पौत्र आलोक राय का कहना है कि होरी और गोबर जैसे पात्रों के रचियता ने अपने ‘आधुनिक दृष्टिकोण’ और सहज अभिव्यक्ति से हिंदी तथा उर्दू साहित्य की दिशा बदल दी.
  • Literature | Written by: इंडो-एशियन न्यूज़ सर्विस |सोमवार दिसम्बर 19, 2016 05:49 PM IST
    कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने जिस किराए के घर में कथा संसार रचा, सहेजने की बजाय प्रशासन ने लोगों के लिए 'खतरा' बताकर उसे चंद समय में ढाह दिया और समाज का पहरुआ बनने का ढोंग करने वाले सिर्फ तमाशबीन बने रहे.
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