Blogs | डॉ विजय अग्रवाल |सोमवार अक्टूबर 17, 2016 03:22 PM IST मामला चाहे हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश का हो, अथवा लखनऊ की मस्जिद में महिलाओं के नमाज़ पढ़ने का, सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है. परिवर्तन के इस प्रवाह को परम्परा की पतली मेढ़ रोक पाएगी, इसमें पर्याप्त संदेह है. सवाल केवल वक्त का है, वह कितना लगेगा. और प्रश्न यह भी है कि इसका श्रेय मिलेगा किसे...