Blogs | मंगलवार जुलाई 7, 2015 01:21 AM IST मध्य प्रदेश के एक मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की हंसी देखें तो उनकी सारी सफ़ाइयों के बावजूद यह समझ में आता है कि पत्रकार अक्षय सिंह की मौत भी उन्हें विचलित नहीं कर पाई। लेकिन यह एक आदमी की नहीं, उस व्यवस्था की, उस विचारधारा की गड़बड़ी है जो ऐसा आदमी बनाती है।