Zara Hatke | Written by: बिक्रम कुमार सिंह |सोमवार अक्टूबर 11, 2021 10:08 PM IST लिखने वाले ने क्या ख़ूब लिखी है-"हवाओं के भरोसे मत उड़, चट्टाने तूफानों का भी रुख मोड़ देती हैं, अपने पंखों पर भरोसा रख, हवाओं के भरोसे तो पतंगे उड़ा करती हैं." ये शब्द अलीगढ़ के निवासी नरेश पर एकदम फिट बैठती है.