'अमेरिकी रक्षा प्रणाली'

- 18 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • World | Reported by: एजेंसियां, Edited by: पीयूष |सोमवार अप्रैल 4, 2022 07:43 AM IST
    Russia Ukraine War: अमेरिकी रक्षा विभाग यूक्रेन को सुरक्षा सहायता के लिए 300 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त सहायता मुहैया कराएगा. इस पैकेज में लेजर-गाइडेड रॉकेट सिस्टम, ड्रोन, सुरक्षित संचार प्रणाली और चिकित्सा आपूर्ति जैसी चीजें शामिल हैं.
  • World | Reported by: भाषा |रविवार सितम्बर 12, 2021 06:13 AM IST
    ईरान का मुकाबला करने के लिए अरब प्रायद्वीप में हजारों अमेरिकी सैनिक बने हुए हैं. खाड़ी के देशों को अमेरिका की भविष्य की योजनाओं को लेकर चिंता सता रही है क्योंकि उसकी सेना को एशिया में बढ़ते सैन्य खतरे की आशंका है और उसके लिए उसे मिसाइल रक्षा प्रणाली की जरूरत है.
  • World | Reported by: भाषा |मंगलवार जनवरी 5, 2021 09:19 AM IST
    भारत ने इस मिसाइल प्रणाली के लिए रूस को 2019 में 80 करोड डॉलर की पहली किश्त का भुगतान किया. एस-400 रूस की सबसे उन्नत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के रूप में जानी जाती है. पिछले महीने रूस ने कहा था कि अमेरिकी पाबंदियों की धमकी के बावजूद एस-400 मिसाइल प्रणाली की पहले खेप की आपूर्ति समेत वर्तमान रक्षा सौदों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है. 
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार जून 26, 2019 06:03 PM IST
    भारत ने बुधवार को अमेरिका से कहा कि वह प्रतिबंधों से प्रभावित रूस सहित अन्य देशों के साथ संबंधों में राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेगा. भारत रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीद रहा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ से व्यापक द्विपक्षीय बैठक के दौरान यह बात कहीं.
  • World | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार जून 26, 2019 05:14 AM IST
    सूत्र ने बताया कि रूस के साथ हमारे पुराने रक्षा संबंध हैं जिन्हें हम खत्म नहीं कर सकते हैं. भारत ने पिछले वर्ष अक्टूबर में 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए रूस से समझौता किया था. भारत ने अमेरिकी चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए इस समझौते को आगे बढ़ाया.
  • World | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार दिसम्बर 12, 2018 12:21 PM IST
    अमेरिकी मिसाइल रक्षा एजेंसी के हवाले से बताया कि हवाई में अमेरिकी नौसैनिकों को एजिस एशोर सिस्टम का इस्तेमाल कर जमीन से दागी गई इंटरसेप्टर मिसाइल के जरिए इंटमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल को सफलतापूर्वक रोक दिया.
  • File Facts | भाषा |शुक्रवार अक्टूबर 5, 2018 11:22 PM IST
    अमेरिकी चेतावनी के बीच कई महीनों तक संतुलित रूप से आगे बढ़ने के बाद भारत ने रूस से एस-400 वायु रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए पांच अरब डॉलर के एक समझौते पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए. दरअसल, अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि रूस के साथ यह खास सौदा करने वाले राष्ट्रों के खिलाफ वह दंडात्मक प्रतिबंध लगाएगा. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. हालांकि, नई दिल्ली ने काफी संयमित रुख दिखाया है. शायद, अमेरिका के साथ अपने बेदाग संबंधों को कायम रखने की कोशिश के तहत इसने ऐसा किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन ने अपने - अपने संबद्ध प्रेस बयानों में एस-400 समझौते का जिक्र नहीं किया. सरकारी अधिकारियों ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर होने की सार्वजनिक घोषणा नहीं की. हालांकि, आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस पर रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी ने भारत की ओर से हस्ताक्षर किए हैं.
  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार अक्टूबर 5, 2018 12:52 PM IST
    अमेरिका की धमकियों और नाराजगी के बीच भी भारत रूस से S-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने की तैयारी कर रहा है. अमेरिका ने कहा है कि रूस के साथ एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली खरीदने के लिए किया जाने वाला समझौता एक ‘महत्वपूर्ण’ व्यापार समझौता माना जाएगा. अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस के साथ किसी देश पर दंडनीय प्रतिबंध लगाने के लिए काफी है. अमेरिकी सरकार ‘ अमेरिका के विरोधियों से प्रबिबंधों के माध्यम से मुकाबला करने का अधिनियम’ (सीएएटीएसए) के तहत ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के साथ ‘महत्वपूर्ण व्यापारिक लेनदेन’ करने वाले देश पर प्रतिबंध लगा सकती है. लेकिन ऐसा लगता है कि अमेरिका की इस चेतावनी के बाद भी इस रक्षा प्रणाली के लिए कदम बढ़ाने की इच्छुक है. इस सिस्टम को खरीदने के लिए भारत को पांच अरब डॉलर तक खर्च करने पड़ सकते हैं. भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए.
  • World | Reported by: एएफपी |शनिवार जुलाई 29, 2017 01:01 PM IST
    दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने आज कहा कि उत्तर कोरिया के हालिया अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण ने चीन के कड़े विरोध के बावजूद उनके देश को अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली की तैनाती की प्रक्रिया तेज करने के लिए मजबूर कर दिया है.
  • World | Ians/Xinhua |गुरुवार मार्च 9, 2017 05:10 AM IST
    दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने समाचार एजेंसी को बताया था कि दो मोबाइल लॉन्चर और मिसाइल प्रणाली के कुछ हिस्से सोमवार को दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल से 70 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित ओसान एयर बेस पहुंचे हैं.
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