India | Reported by: आशीष भार्गव |शुक्रवार जनवरी 28, 2022 03:21 PM IST जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने 90 पेज के फैसले में कहा कि यह रेखांकित करना अनावश्यक है कि संसद के साथ-साथ राज्य विधान सभा को भी पवित्र स्थान माना जाता है, ठीक वैसे ही जैसे न्यायपालिका को न्याय का मंदिर माना जाता है.