India | Reported by: मनोरंजन भारती, Written by: विवेक रस्तोगी |मंगलवार मई 30, 2023 02:18 PM IST राजस्थान में पिछला विधानसभा चुनाव जीतने के बाद से ही कांग्रेस की सरकार तो बनी ही हुई है, उनके लिए पार्टी के भीतर संकट भी लगातार बना हुआ है, जिसके चलते पिछले कुछ सालों में कई बार ऐसी स्थिति पैदा हुई, जो पार्टी की छवि के लिए अच्छी नहीं है. इसका कारण रहा है - राजस्थान के दिग्गज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सत्ता और प्रभुत्व को लेकर जारी संघर्ष, जिसे दूर करने के लिए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कई बार कोशिश कर चुका है. सोमवार को एक बार फिर ऐसी ही कोशिश की गई, और दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद उन्हें हालिया कर्नाटक चुनाव का उदाहरण देकर समझाया गया कि एकजुट रहने से भारतीय जनता पार्टी (BJP) को शिकस्त दी जा सकती है. लेकिन इन बैठकों का नतीजा 'वही ढाक के तीन पात' सरीखा होता लग रहा है. सूत्रों के मुताबिक, लग रहा है कि राज्य में इसी साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव तक के लिए पार्टी नेतृत्व ने दोनों नेताओं को शांत करने और एकजुट करने की कोशिश की है, लेकिन देखना यह होगा कि सचिन पायलट इस बात से कितना शांत रह पाते हैं कि अशोक गहलोत की सत्ता को चुनाव तक कोई खतरा नहीं रहेगा. आइए पढ़ते हैं, सोमवार को हुई बैठकों में क्या-क्या हुआ.