'Anti Sikh violence case'

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  • India | Written by: नवनीत मिश्र |मंगलवार दिसम्बर 18, 2018 04:23 PM IST
    1984 के सिख दंगे में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा हुई है. दंगे के वक्त राष्ट्रपति की कुर्सी पर भी एक सिख ज्ञानी जैल सिंह ही बैठे थे. जानिए, उन्होंने दंगा रोकने में खुद को क्यों असहाय पाया था ?
  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |सोमवार दिसम्बर 17, 2018 11:09 PM IST
    1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) को दोषी करार दिया है. सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा और पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था. फैसला जस्टिस एस. मुरलीधर और विनोद गोयल ने सुनाया है. सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) को हत्या, साजिश, दंगा भड़काने और भड़काऊ भाषण देने का दोषी पाया गया. कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा और तब तक वह दिल्ली नहीं छोड़ सकते. सज्जन कुमार के अलावा नेवी के रिटायर्ड अधिकरी कैप्टन भागमल, पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोकर और गिरधारी लाल को भी दोषी करार दिया है. इन तीनों को निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इनके अलावा पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोकर को भी दोषी करार पाया गया, जिन्हें निचली अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी. अब हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) के अलावा कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल तथा पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है. आइये आपको बताते हैं सज्जन कुमार से जुड़ी खास बातें.
  • India | Written by: नवनीत मिश्र |मंगलवार दिसम्बर 18, 2018 02:36 PM IST
    1984 के सिख विरोधी दंगों(1984 anti sikh riots) में हाथ होने पर कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. जानिए इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख दंगे की कहानी.
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