File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार जुलाई 31, 2018 11:28 AM IST असम में सोमवार को जारी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मसौदे से कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में से 40 लाख से ज्यादा लोगों को बाहर किए जाने से उनके भविष्य को लेकर चिंता पैदा हो गई है और साथ ही एक राष्ट्रव्यापी राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है. नागरिकों की मसौदा सूची में 2.89 करोड़ आवेदकों को मंजूरी दी गई है. यह मसौदा असम में रह रहे बांग्लादेशी आव्रजकों को अलग करने का लंबे समय से चल रहे अभियान का हिस्सा है. 10 लाख आवेदकों को नागरिकता देने से इंकार किए जाने के बाद पैदा हुए विवाद पर केंद्र सरकार ने लोगों से भयभीत न होने और विपक्ष से इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने का आग्रह किया है. मसौदे को जारी करने वाले भारत के रजिस्ट्रार जनरल शैलेश ने कहा कि उन आवेदकों को प्र्याप्त अवसर दिए जाएंगे, जो दावे और आपत्ति करना चाहते हैं. वे 30 अगस्त से 28 सितंबर तक अंतिम सूची तैयार किए जाने से पहले अपने दावे और आपित्त दाखिल कर सकते हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने असम और मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज थे, उनको भी छोड़ दिया गया, क्योंकि अधिकारी उन कागजात से संतुष्ट नहीं थे.