Blogs | रवीश कुमार |शुक्रवार मई 21, 2021 12:24 AM IST कुछ ही हिस्सों में सही, मीडिया ने यह ज़रूर बताया कि मार्च, अप्रैल और मई के महीने में मरने वालों की सरकारी संख्या से अलग श्मशान और क्रबिस्तान के रिकार्ड कुछ और कहते हैं. इन तमाम रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. बस छप कर गुज़र जाने दिया गया. मरने वालों की सरकारी संख्या में एक बार भी संशोधन नहीं किया गया. भारत के नागरिकों को पता ही नहीं है कि कोविड की दूसरी लहर में कितने लोग मरे हैं.