Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार अगस्त 22, 2017 09:07 PM IST शायरा बानो, गुलशन परवीन, आफ़रीन, आतिया साबरी, इशरत जहां को बधाई. बात संख्या की नहीं है, अन्याय अगर अकेली ज़िंदगी में भी घटता है तो रक्षा ज़रूरी हो जाती है. स्वागत की भी अपनी राजनीति है. बहुत से लोग पूरी ईमानदारी से स्वागत कर रहे हैं.