Filmy | इंडो-एशियन न्यूज़ सर्विस |रविवार अगस्त 7, 2016 12:45 AM IST 'मेघा रे मेघा रे', 'मैं हूं प्रेम रोगी', 'पतझर सावन वसंत बहार' जैसे गीतों से पाश्र्वगायन में अपनी अलग पहचान बनाने वाले सुरेश वाडेकर ने अपने पिता का सपना पूरा कर अपने नाम को सार्थक किया है।