India | Written by: भाषा, Edited by: विजय शंकर पांडेय |रविवार अप्रैल 7, 2024 09:58 PM IST भागवत ने कहा कि ‘सज्जन शक्ति’ को संगठित किया जाना चाहिए और सद्भाव, पारिवारिक शिक्षा, रीति-रिवाजों का पालन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी मूल्यों की जागृति और नागरिक कर्तव्य में शिक्षा के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रयास किये जाने चाहिए.