India | एनडीटीवी |गुरुवार अक्टूबर 20, 2022 03:02 AM IST कुछ ख़बरों को देखकर लगता है कि देश बदला है न दिन. सब कुछ जहां था, वहीं रुका हुआ है. क्या हम एक ऐसे समय और समाज में रहने लगे हैं, जहां गृह मंत्री के लिए बोलना इतना भारी पड़ जाएगा, कि उनके मंत्रालय ने 2002 के दंगों से जुड़े बलात्कार और हत्या के 11 सज़ायाफ़्ता क़ैदियों की रिहाई की मंज़ूरी क्यों दी?